
परिचय
Shaktimaan दूरदर्शन पर शक्तिमान की शुरुआत साल 1997 में हुई, जिसने भारतीय टेलीविजन पर सुपरहीरो की एक नई परिभाषा लिखी गई थी इसके पहले एपिसोड का प्रसारण 6 सितंबर 1997 को किया गया था, और यह शो लगातार दर्शकों का पसंदीदा बना रहा। 27 मार्च 2005 को इसका आखिरी एपिसोड प्रसारित किया गया।
शो के लेखक बृजमोहन पांडे थे, जिन्होंने इसकी कहानी में नैतिकता, रोमांच और मनोरंजन का अनोखा संगम पेश किया। शक्तिमान ने अपने सफर में 400 से अधिक एपिसोड के माध्यम से दर्शकों को प्रेरित किया और अच्छाई का संदेश दिया। यह शो न केवल बच्चों का बल्कि परिवार के हर सदस्य का प्रिय बन गया।
Shaktimaan के प्रमुख कलाकार और उनकी भूमिकाएं
- मुकेश खन्ना: शक्तिमान / पंडित गंगाधर विद्याधर मायाधर ओंकारनाथ शास्त्री
- वैष्णवी महंत: गीता विश्वास (साहसी पत्रकार और शक्तिमान की साथी)
- सुरेंद्र पाल: तमराज किल्विष (शक्तिमान का मुख्य विरोधी)
- राजेंद्र गुप्ता: प्रोफेसर विश्वास (गीता के पिता और शक्तिमान के मार्गदर्शक)
- टॉम अल्टर: महागुरु (शक्तिमान के गुरु, जिन्होंने उसे उसकी शक्तियां दीं)
इस शो ने अपनी रोमांचक कहानी और दमदार अभिनय के साथ आईएमडीबी पर 8.2/10 की शानदार रेटिंग हासिल की, जो इसकी लोकप्रियता और गुणवत्ता को दर्शाता है।
Shaktimaan की कहानी और उसका अंत
दूरदर्शन पर शक्तिमान का प्रसारण
दूरदर्शन पर शक्तिमान का प्रसारण शुरू में शनिवार को सुबह और मंगलवार को रात के समय होता था। इसके लिए अभिनेता मुकेश खन्ना 3,80,000 रुपये का भुगतान किया करते थे। जब शो की लोकप्रियता बढ़ी और इसे रविवार के दिन प्रसारित किया जाने लगा, तो फीस बढ़कर 7,80,000 रुपये हो गई।
फीस में वृद्धि और शो का अंत
Shaktimaan का 104वां एपिसोड पूरा होने के बाद दूरदर्शन ने प्रसारण फीस को बढ़ाकर 10,80,000 रुपये कर दिया। आगे चलकर फीस में और बढ़ोतरी की योजना थी, जिसे देखते हुए मुकेश खन्ना ने शो को बंद करने का फैसला किया।
2004 में आर्यमान और Shaktimaan के बीच फैसला
साल 2004 में मुकेश खन्ना दूरदर्शन पर एक साथ दो सीरियल्स में काम कर रहे थे: Shaktimaan और आर्यमान। दोनों शो की लोकप्रियता अच्छी थी और उनकी आय भी संतोषजनक थी। लेकिन फिर भी उन्होंने आर्यमान को जारी रखने का फैसला किया, और इसी कारण Shaktimaan का अंत हो गया।
निष्कर्ष
Shaktimaan भारतीय टेलीविजन का पहला सुपरहीरो था जिसने बच्चों और बड़ों के दिलों पर राज किया। हालांकि शो का अंत अचानक हुआ, लेकिन इसकी कहानी और किरदार आज भी दर्शकों की यादों में जीवित हैं। Shaktimaan का आखिरी एपिसोड दर्शकों के दिलों में एक गूंज छोड़ गया। यह भारतीय टेलीविजन का ऐसा शो था, जिसने न केवल मनोरंजन किया, बल्कि नैतिक शिक्षा और अच्छाई का संदेश भी दिया।
Shaktimaan का आखिरी एपिसोड
एक अधूरी कहानी की झलक
Shaktimaan के आखिरी एपिसोड में दर्शकों को एक रोमांचक मोड़ पर छोड़ा जाता है। कहानी में दिखाया जाता है कि शक्तिमान अचानक कहीं गायब हो जाता है, गीता विश्वास, जो हमेशा सच्चाई के लिए लड़ती है, उसे खोजने का बीड़ा उठाती है।
एक अधूरी समाप्ति
हालांकि, आखिरी एपिसोड में Shaktimaan की कहानी का अंत स्पष्ट रूप से नहीं दिखाया गया। इसे एक खुला मोड़ दिया गया, ताकि भविष्य में इस कहानी को नए सीजन के साथ आगे बढ़ाया जा सके। यह अधूरी समाप्ति दर्शकों को उत्सुकता और उम्मीद के साथ छोड़ गई कि उनका सुपरहीरो एक दिन फिर लौटेगा।
शक्तिमान की वापसी:
20 साल बाद मचेगी धूम जो भारत के पहले सुपरहीरो, Shaktimaan की वापसी हो रही है। मुकेश खन्ना ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर Shaktimaan के नए अवतार का टीज़र जारी किया, जिसमें वह अपने पहचानने योग्य लाल और सुनहरे कपड़े पहनकर दिखाई दिए। टीज़र में, Shaktimaan को एक स्कूल के सेटिंग में दिखाया गया है, जहां वह भारतीय स्वतंत्रता संग्रामियों के चित्रों पर चर्चा करते हुए एक महत्वपूर्ण संदेश दे रहे हैं। यह सुपरहीरो युवाओं को आज के समय में अच्छाई और सच्चाई की ओर प्रेरित करने के लिए लौट रहे है