
हास्य और हॉरर शो akkad bakkad bambe bo का परिचय
पहले एपिसोड का प्रसारण 24 मार्च 2005 को हुआ था, जबकि आखिरी एपिसोड 21 दिसंबर 2005 को प्रसारित किया गया। इस शो ने कुल 110 एपिसोड का सफर तय किया। यह एक हॉरर और कॉमेडी शो था, जिसमें डर और हंसी का अद्भुत मिश्रण दर्शाया गया। इसकी आईएमडीबी रेटिंग 8.7 /10 था पहले इसे स्टार प्लस पर टेलीकास्ट किया जाता था और बाद में डिज्नी चैनल पर टेलीकास्ट किया गया
akkad bakkad bambe bo हॉरर और कॉमेडी शो के मुख्य कलाकार निम्न हैं
चार बच्चे (मुख्य पात्र)
- हर बच्चे का अलग व्यक्तित्व और गुण है, जो उन्हें दर्शकों के करीब बनाता है।
- इनकी दोस्ती और टीमवर्क शो की मुख्य खासियत है।
गांव के लोग akkad bakkad bambe bo शो
- शो में गांव के कई दिलचस्प और मजेदार सहायक किरदार हैं, जो कहानियों को रोचक बनाते हैं।
- नट्टू नटवरलाल प्रसाद यादव बिहारी-देवेन्द्र चौधरी
- शीना–शीतल मलिक
- अर्णव -विवेक
- केके स्वामी और मेनका लालवानी ने भी काम किया है
akkad bakkad bambe bo की एक झलक
यह कहानी एक अच्छे भूत के ऊपर बनाई गई है जिसमें नातू उफ नटवरलाल प्रसाद यादव बिहारी जो शहर में जाकर बड़ा पाव का ठेला लगाता था और वहां शहरी लोगों को अपना दोस्त बना लेता है और वह उनको बबुआ कह के बुलाता है
कुछ समय बाद उन्हें पता चलता है कि नट्टू एक भूत है और मोक्ष प्राप्ति के लिए अच्छे काम krne hoge और वही दोस्ती तरफ शैतान बहुत अच्छे काम करने नहीं देता और उसके दोस्तों को भी परेशान करता हैऔर इसी तरह यह कहानी नाटो और उसके दोस्तों के इर्द गिर्द घूमती रहती है
शो akkad bakkad bambe bo की विशेषताएं
बच्चों की दृष्टि से कहानी
- शो में हर घटना को बच्चों की मासूमियत और जिज्ञासा के दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया।
- यह बच्चों के बीच खुद को कहानी से जोड़ने का अनुभव पैदा करता है।
मनोरंजन और शिक्षा का संगम
- “अक्कड़ बक्कड़ बाम्बे बोल” ने बच्चों को हंसाने के साथ-साथ जीवन के अहम मूल्य सिखाने का काम किया।
- यह शो बच्चों के लिए शैक्षिक और प्रेरणादायक था।
गांव का जीवन
- शो में भारतीय गांव की सरलता और संस्कृति को खूबसूरती से दर्शाया गया है।
- यह शहरी और ग्रामीण दर्शकों को समान रूप से जोड़ने में सफल रहा।
akkad bakkad bambe bo सीरियल के बंद होने के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं।
स्टोरी लाइन की एंड के करण इस शो को बंद कर दिया जाता है अक्कड़ बक्कड़ बाम्बे बोल के अंत के आखिरी झलक में यह दिखाया जाता है कि नट्टू सारे अच्छे काम करते हुए उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है और वह दुनिया छोड़ कर चला जाता है और 21 दिसंबर 2005 में सीरियल को बंद कर दिया जाता है
लोकप्रियता और प्रभाव
- “अक्कड़ बक्कड़ बाम्बे बोल” अपने समय के सबसे प्रिय बच्चों के शो में से एक था।
- इसने बच्चों के बीच दोस्ती, टीमवर्क और समस्या-समाधान जैसे मूल्यों को बढ़ावा दिया।
- ग्रामीण भारत की झलक देने के कारण यह शो बड़े दर्शकों के बीच भी लोकप्रिय हुआ।शो का संगीत और शीर्षक गीत बच्चों के बीच बेहद पसंद किया गया।
शो से जुड़ी रोचक बातें
नाम की अनोखी प्रेरणा
- शो का नाम “akkad bakkad bambe bo” बच्चों की प्रसिद्ध कविता से लिया गया है।
- यह नाम बच्चों के लिए तुरंत पहचानने योग्य और आकर्षक था।
सकारात्मक संदेश
- हर एपिसोड में बच्चों और परिवारों को सकारात्मक संदेश मिलता था।
- यह शो मनोरंजन और शिक्षा के बीच सही संतुलन बनाता था।
बच्चों के किरदार
- शो के बाल कलाकारों ने अपने दमदार प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीत लिया।
निष्कर्ष
“akkad bakkad bambe bo” बच्चों का ऐसा टेलीविज़न शो था, जिसने मनोरंजन के साथ सीखने का अनोखा अवसर प्रदान किया। यह शो भारतीय टेलीविज़न पर बच्चों के लिए बनाए गए बेहतरीन कार्यक्रमों में से एक माना जाता है। इसकी सरलता, संदेश, और मजेदार कहानियां आज भी दर्शकों को याद आती हैं।